What is short selling in stock market: स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को शॉर्ट सेलिंग पर अपना सर्कुलर जारी किया है इस नए सर्कुलर के मुताबिक सभी निवेशकों को शॉर्ट सेलिंग (short selling) की मंजूरी दे दी गई है और नेकेड सेलिंग (naked short selling) पर रोक लगा दी गई है। अब नए निवेशक को बहुत कन्फ़्युशन हैं कि stock market terminology, शॉर्ट सेलिंग क्या होता हैं? इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे।
Sebi circular on short selling : SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने शुक्रवार को शॉर्ट सेलिंग पर अपना नया सर्कुलर जारी किया है. जिसके अनुसार सभी निवेशकों अब शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं और नेकेड सेलिंग पर रोक लगा दी गई है. सवाल उठता है कि आखिर यह शॉर्ट सेलिंग होती क्या है और नेकेड सेलिंग क्या है ? जिस पर सेबी की नई सर्कुलर आई हैं।
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What is short selling in stock market in Hindi | शॉर्ट सेलिंग क्या होता हैं
स्टॉक मार्केट मे मुनाफा कमाने का सीधा-साधा मतलब होता है कि किसी स्टॉक को सस्ते में खरीद लेना और जब रेट बढ़े तो उसे बेच (sell) कर देना तब जा कर एक निवेशक को मुनाफा होता हैं। इस कंडिशन मे निवेशक पहले कंपनी के शेयर/स्टॉक को खरीदता है और उसका मालिक बन जाता हैं। फिर जब भी उस शेयर का ज्यादा भाव पर बेच कर प्रॉफ़िट कमा लेता हैं।
लेकिन सोचिए यदि मार्केट का भाव लगातार गिरता है तो एक निवेशक कैसे पैसा कमा सकता हैं? इस पर बाजार के दिग्गजों ने इसके लिए भी एक तरीका खोज लिया निकाला जिसे हम शॉर्ट सेलिंग (short selling) कहते हैं। शॉर्ट सेलिंग मे पहले हम कम भाव मे शेयर को बेचते है और जब भाव बढ़ता है तो हम खरीद लेते हैं एस प्रक्रिया को शॉर्ट सेलिंग (short selling) कहते है। दूसरे शब्दो मे कहे तो नियमित ट्रेडिंग से उल्टा करते हैं।
ऐसे में अब सवाल उठता है कि कोई व्यक्ति बिना स्टॉक को खरीदे उसे पहले कैसे बेच सकता है? यहां पर ही शॉर्ट सेलिंग का concept सामने आता है। शॉर्ट सेलिंग एक ऐसे खास अरेंजमेंट से गुजरता है जिसमे किसी लंबी अवधि के निवेशक से ये शेयर उधार लेते हैं और उस स्टॉक को buyer से बेच (sell) कर देते हैं। और जब शेयर का रेट गिरता है तो शेयर को खरीद लेते है और अपने जिससे उधर लिया था उसे वापस कर देते है इस खास प्रक्रिया मे आप का स्टॉक ब्रोकर पर्दे के पीछे सभी अन्य process करता रहता हैं आप का वर्क सिर्फ buy और sell का ऑर्डर देना होता हैं। इसमे लाभ का कुछ हिस्सा उधर देता को इंटरेस्ट के रूप मे जाता हैं।
short selling meaning in hindi : शॉर्ट सेलिंग को एक उधारण के द्वारा समझते हैं आप किसी कंपनी के 100 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 25 शेयर शॉर्ट सेल के जरिए बेचते हैं (पहले सेल करते हैं) तो आपको अकाउंट मे 2500 रुपये मिलते हैं इस कंडिशन मे आप 25 शेयर किसी के उधर है जिसे आप को देना हैं अब जब उसी कंपनी के शेयर का भाव 70 रुपये प्रति शेयर आता है तो आप उसे खरीद लेते हैं आपको अकाउंट से 1750 रुपये कट जाता हैं अब (2500 रुपये-1750 रुपये=750रुपये) को का प्रॉफ़िट हो चुका हैं क्यो कि आप 70 रुपये प्रति शेयर के रेट से स्टॉक खरीदा है और 100 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से बेच हैं ।
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