म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है|Mutual Fund Kaise Kam Karta hai

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Mutual Fund : आज के समय मे म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता धीरे-धरे बढ़ती ही जा रही है लेकिन यदि कोई नया निवेशक म्यूचुअल फंड मे निवेश करने के बारे मे सोच रहा हैं। तो उसके दिमाग मे सबसे पहले यह बात आती हैं कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है। और ये शेयर मार्केट कि तुलना मे कम जोखिम हैं या ये भी शेयर मार्केट की तरह हैं। आज के इस आर्टिकल मे हम इन सभी बातो पर खास कर म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है पर चर्च करेंगे।

सबसे पहले म्यूचुअल फंड के बारे मे थोड़ा सा जान लेते हैं कि म्यूचुअल क्या हैं?

Mutual Fund Kya Hota Hai –

साधारण भाषा मे कहे तो म्यूचुअल फंड एक स्कीम जो एसेट मैनेजमेंट कंपनियो द्वारा चलाया जाता हैं ये एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) SEBI (Securities Exchange Board Of India) द्वारा approved होती हैं और इन कंपनियों की निगरानी SEBI ही करता है। ये AMC पब्लिक से म्यूचुअल फंड मे निवेश के लिए पैसा इकठ्ठा करती हैं और इकठ्ठा किए गए पैसो को शेयर मार्केट के विभिन्न सेगमेंट या सेक्टर मे पैसा इन्वेस्ट करते हैं। और प्रॉफ़िट का कुछ हिस्सा काट कर आप को बतौर रिटर्न देते हैं। चलिये आगे जानते है Mutual Fund Kaise Kam Karta hai / म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है। और अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है | Mutual Fund Kaise Kam Karta hai

म्यूचुअल फंड सेबी द्वारा रजिस्टर्ड एक ऐसी कॉरपोरेट संस्था है, जो उन सभी वेशकों के निवेशित धन को इकट्ठा करती है, जिनके समान वित्तीय लक्ष्य हों। इस एकत्रित धन को यह कॉरपोरेट बॉडी (ट्रस्ट) शेयर बाजार के विभिन्न इंस्ट्रूमेंट जैसे शेयर्स, डिबेंचर, सरकारी प्रतिभूतियाँ, बांड आदि में निवेश करती है। निवेशकों हुन एकत्रित की गई पूँजी को कैपिटल मार्केट में सही तरह निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड के स्कीम में फंड मैनेजर नियुक्त किए जाते हैं।

चूंकि ये फंड मैनेजर शेयर बाजार के अनुभवी खिलाड़ी होते हैं, और इनके पास 15- 20 साल का अनुभव रहता हैं इसलिए निवेशकों के धन को बाजार में इस तरह निवेश करते हैं, ताकि निवेशित घर से आय (रिटर्न) ज्यादा-से-ज्यादा प्राप्त हो। इस कैपिटल एप्रिसिएशन (पूँजी में वृद्धि) को निवेशकों के पास मौजूद म्यूचुअल फंड की यूनिट के अनुपात में साझा (शेयर) कर दिया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि म्यूचुअल फंड की किसी स्कीम में एक वर्ष में निवेशकों को 50 प्रतिशत रिटर्न मिला तो इसका मतलब निवेशक के पास उस फंड की जितनी यूनिट्स हैं, उसके अनुसार उसकी पूँजी में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी। यही कारण है कि म्यूचुअल फंड आम आदमी के लिए निवेश का मुफीद तरीका माना जाने लगा है। यहाँ निवेशक का पैसा एक तो कुशल हाथों में होता है, दूसरे फंड मैनेजर निवेशकों की पूँजी को डाइवर्सिफाई कर बाजार में लगाते हैं।

जब आप किसी इक्विटी फंड में निवेश करते हैं तो शेयर बाजार से शेयर खरीदने का काम आप नहीं करते हैं, बल्कि आपके लिए यह काम म्यूचुअल फंड की एसेट मैनेजमेंट कंपनी करती है और इक्विटी के माध्यम से आपका पैसा किन-किन इक्विटी शेयरों में लगाया जाएगा और उसे कब बेचा जाएगा, इसका निर्णय फंड मैनेजर करते हैं।

इससे लाभ यह होता है कि आपका पैसा विभिन्न सेक्टरों केअच्छे प्रदर्शन कर रहे शेयरों में डाइवर्सिफाई कर लगाया जाता है और इससे रिस्क कम हो जाता है, जबकि सीधा शेयर बाजार में इनवेस्ट करने पर जोखिम ज्यादा होता है।

उदाहरण के लिए, आपने फार्मा सेक्टर की किसी कंपनी के यदि 100 शेयर खरीदे, लेकिन अचानक कुछ ऐसी नीतियाँ सामने आईं कि फार्मा सेक्टर की कंपनियों के शेयर नीचे गिरने लगे। ऐसी स्थिति में आपके लिए मुश्किल पैदा हो जाती है। यदि आपने म्यूचुअल फंड की इक्विटी डायवर्सिफाइड स्कीम में निवेश किया है तो आपका पैसा विभिन्न सेक्टरों की उन कंपनियों में लगेगा, जो अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और भविष्य में भी अच्छा करेंगी यहाँ चॉयस भी है, यदि आप किसी एक विशेष सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऐसा सेक्टर स्पेसिफिक फंड के द्वारा कर सकते हैं।

यहाँ आपको उस सेक्टर की सभी अग्रणी उभरती कंपनियों का फायदा मिलता है जबकि शेयर आप जबकि शेयर आप किसी एक या दो कंपनी का ही खरीदते हैं। ऐसे में यदि आपके पास पॉवर सेक्टर की किसी कंपनी के शेयर हैं और उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं है, जबकि पॉवर की अन्य कंपनियाँ अच्छा कर रही हैं, तो ऐसी स्थिति में आप फँसा हुआ महसूस करेंगे; जबकि यदि आपने म्यूचुअल फंड के द्वारा किसी सेक्टर विशेष को भी चुना है

तो आपका पैसा यदि आपने म्यूचुअल फंड के द्वारा किसी सेक्टर विशेष को भी चुना है तो आपका पैसा उस सेक्टर की मुनाफेवाली विभिन्न कंपनियों में बाँटकर लगाया जाएगा। जाहिर है, यदि उस सेक्टर की चार कंपनियों से औसत रिटर्न मिल रहा होगा तो वहीं चार कंपनियों से उच्च रिटर्न तथा एक-दो कंपनियों में घाटा भी होगा, लेकिन आपका औसत रिटर्न काफी अच्छा होगा। यही कारण है कि वे निवेशक, जो म्यूचुअल फंड की किसी स्कीम में लॉन्ग टर्म (लंबी अवधि) के लिए निवेश करते हैं, वे फायदे में रहते हैं।

शेयर मार्केट मे कंपनियों के शेयर मिलते हैं तो उनका निर्धारण प्रति शेयर से होता हैं लेकिन म्यूचुअल फंड मे शेयर के स्थान पर यूनिट मिलते हैं जिससे इसका निर्धारण प्रति यूनिट किया जाता हैं।

जैसे – म्यूचुअल फंड Nipoon India cap Fund Direct-Growth का प्रति यूनिट 155 रुपया हैं जो की यह फ़ंड पिछले एक साल मे +52.38% का रिटर्न दिया हैं। एक और म्यूचुअल फंड Quant Small cap Fund Direct Plan- Growth का प्रति यूनिट 244 रुपया हैं और यह फ़ंड पिछले 1 साल मे +61.51% का रिटर्न दिया हैं मतलब 1 लाख का सीधे 1,61,510 रुपया बन गया।

Mutual Fund Kaise Kam Karta hai
म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है
म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है

FAQs

1-म्यूचुअल फंड में सबसे अच्छी कंपनी कौन सी है?

SBI Mutual Fund सबसे अच्छी म्यूचुअल फंड कंपनी हैं।

2-म्यूचुअल फंड कैसे शुरू करें

म्यूचुअल फंड शुरू करने के लिए सबसे पहले आप यहाँ से अपना फ्री मे अकाउंट खोलें और फिर एक अच्छे से फ़ंड मे निवेश करना स्टार्ट करें। अधिक जानकारी के लिए – 8707095147 पर WhatsApp करें ।

3-भारत की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड संस्था कौन हैं ?

भारत की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड संस्था UTI (Unit Trust of India) हैं जिसकी कुल संपत्ति 1,52,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

4-म्यूचुअल फंड में पैसा डूब जाता है क्या?

नहीं, म्यूचुअल फ़ंड मे पैसा डूबता नहीं है।

4 thoughts on “म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है|Mutual Fund Kaise Kam Karta hai”

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